GST Number कौन सा लें?
GST Number लेने से पहले आप को अपने व्यापार के मुताबिक GST का Registration करना चाहिए |
GST का Registration दो तरह से किया जा
सकता है |
1. Composition Scheme – हलाकि यह scheme छोटे व्यापारियों के लिए है, इसे लेने से पहले इसके कुछ नियम
कानून को समझना जरूरी है | इसे दो भागो में विभाजित किया गया है -
(i). Composition Scheme for Trading Company – जो व्यापारी माल का व्यापार करता है उसे Trading Company के
श्रेणी में रखा जाता है | अब यह व्यापारी अगर ये Scheme लेना चाहता है तो इस
व्यापारी में दो चीज़ का होना बहुत जरूरी है –
(a) व्यापारी का Turnover पिछले Financial
Year में 1.50 करोड़ से जियादा नहीं होना चाहिए, और
अगर नया व्यापारी है तो भी इसका Turnover 1.50 करोड़ से जियादा नहीं होना चाहिए |
(b) यह व्यापारी अपने राज्य से दुसरे राज्ये में माल को Supply नहीं कर सकता
यानी व्यापारी दुसरे राज्य से माल तो खरीद सकता है लेकिन Inter State Supply नहीं
कर सकता |
अगर यह दो बातें व्यापारी
में पायी जाती है तो वह यह scheme ले सकता है |
(ii) Composition Scheme for Service Provider Company – जो कंपनी सेवा देने का काम करती है Service Provider Company कहलाती है | यदि इस तरह कि कंपनी का Turnover पिछले Financial Year में 50 लाख से जियादा नहीं है तो वह यह scheme ले सकता है |
Composition Scheme लेने के बाद कंपनी के ऊपर कुछ नियम भी लागू होते हैं जो कि
इस प्रकार है-
(a) No ITC Available :- इस तरह के व्यापारी को Input Tax Credit (ITC) का लाभ
नहीं मिलता है, यानी जब यह व्यापारी माल या सेवा के क्रय के against में जो GST
pay करेगा, इसका input इसे प्राप्त नहीं होगा | अब यह input क्या होता है इसके बाद
के Article में बताऊंगा | इसलिए हर तरह के updates के लिए हमारे Blog को subscribe
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(b) No GST Charge – इस तरह का व्यापारी माल या सेवा का विक्रय करते समय ग्राहक
से GST वसूल नहीं कर सकता |
(c) ऐसे व्यापारी के पक्के बिल पर Composition
Scheme लिखा होना चाहिए, ताकि दुसरे Dealer को पता चल
सके |
Composition Scheme में न तो input है और न ही output, लेकिन फिर भी व्यापारी
को अपने पॉकेट से टैक्स देना पड़ेगा-
(d) व्यापारी को प्रत्येक तिमाही (Quarterly) में अपने कुल विक्रय का इस प्रकार
से GST का भुगतान करना होगा |
For Trading Company – अपने तिमाही (Quarterly) के कुल विक्रय का 1% (SGST@.50%, CGST@.50%)
For Service Provider
Company - अपने तिमाही (Quarterly) के कुल विक्रय का 6% (SGST@3%, CGST@3%)
For Restaurant - अपने तिमाही (Quarterly) के कुल विक्रय का 5% (SGST@2.50%, CGST@2.50%)
इस तरह एक वर्ष में पुरे
चार Quarter होते हैं |
(e) व्यापारी को प्रत्येक
Quarter में CMP-08 GST Return और वर्ष में एक बार GSTR9A File करना पड़ेगा |
(f) इस scheme के अंतर्गत
प्रत्येक बिल का हिसाब Government को नहीं देना होता है |
तो अगर कोई व्यापारी इन
नियमों एवं शर्तों को पूरा करता है तो वह Composition Scheme ले सकता है |
2. Normal Scheme (Regular) - Composition Scheme के इलावा व्यापारी Normal Scheme ले सकता है | वैसे भी हम सभी जानते ही हैं
के Composition Scheme छोटे व्यापरियों अथवा एकाकी व्यापार (Individual) के लिए होता है | दुसरे शब्दों में
एकाकी व्यापार के इलावा सभी प्रकार कि कंपनी को Normal Scheme ही लेना पड़ता है |
Normal Scheme के अंतर्गत
निम्नलिखित नियमों का पालन करना पड़ता है |
b) इस scheme के अंतर्गत
व्यापारी Intra-State एवं Inter-State सभी जगह माल को बेच सकता है
c) इस scheme के अंतर्गत
व्यापारी माल या सेवा के विक्रय करने पर ग्राहक से GST वसूल कर सकता है | जिसे
Output GST कहा जाता है |
d) व्यापारी को अपने Output
GST मैसे Input GST को घटा कर बाकी GST को pay करना होता है | Output – Input = GST Payable
e) इस scheme के अंतर्गत
व्यापारी को हर एक बिल का हिसाब Government को देना होता है |
f) व्यापारी को GSTR1, GSTR3B, GSTR2 और GSTR9 Return File करना होता है |
हर एक Return के बारे में
विस्तार से आप सभी को एक Seprate Article अगले Post में पड़ने को मिलेगी | इसलिए
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