GST (Goods and Services
Tax)
अगर आप Goods and Services
Tax शब्द पर गौर करें तो आप देखेंगे कि इसमें तीन शब्द मिला हुआ है |
1. Goods (माल)
2. Services (सेवाएं)
3. Tax (कर)
जैसा के हम सभी जानते हैं
कि व्यापार के छेत्र में मोटे तौर पर तीन तरह की कंपनियां काम करती हैं
1. Manufacturing Company - ऐसी कंपनी जो कि माल का उत्पादन करती है तथा तैयार माल को अपने व्यापरियों को
बेचती है तो ऐसी कंपनी को Manufacturing Company के श्रेणी में रखा जाता है |
2 .Trading Company – ऐसी कंपनी जो केवल माल (यानी व्यापारी जिस वस्तु का
व्यापार करता है वही उसका माल कहलाता है) का व्यापार करती है यानी बनना-बनाया माल
खरीदती है और Profit लेकर बेच देती है तो ऐसी कंपनी को Trading Company के श्रेणी में रखा जाता है |
3. Service Provider – ऐसी कंपनी जो केवल सेवा देने का काम करती है तो Service Provider कंपनी कहलाती है | जैसे – Telecom Services Company
जब GST भारत में लागु नहीं
हुआ था तो उस समय कंपनी के nature और माल के मुताबिक अलग-अलग Tax को apply
किया जाता था
जैसे- माल के ऊपर Vat
(Value Added Tax) and CST (Central Sales Tax)
माल के उतपादन पर Excise
Duty
Service पर Service Tax
Entertainment पर Entertainment
Tax
ऊपर दिये गए विवरण से आप को
पता लग गया होगा कि उस समय अलग-अलग Tax लगा करता था अब इस सारे Tax को एक ही Tax
यानी GST में Merge कर दिया गया है |
अब किसी भी तरह का व्यापार हो या सेवा सभी पर
एक तरह का ही Tax लगेगा जिसे अब हम Goods and Services Tax जिसे हिंदी मैं वस्तु एवं सेवा कर कहते हैं | इसलिए
इसे ‘One Nation One Tax’ भी कहा जाता है |
आप को यह पता होना चाहिए कि
जिस तरह VAT का concept, Europe से आया था ठीक उसी तरह GST का Concept भी Europe
देशों से ही आया है |
GST भारत में कब लागू हुआ?
GST पुरे भारत में 1 July 2017 को लागु किया गया था
|
Very nice
ReplyDeleteI want pdf file of all courses
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